NCERT Solutions Class 6 Hindi Vasant Chapter 4 चाँद से थोड़ी सी गप्पे

Class 6 - हिंदी वसंत
Chapter 4 - चाँद से थोड़ी सी गप्पे

NCERT Solutions Class 6 Hindi Vasant Textbook
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NCERT Solutions Class 6 Hindi Vasant Chapter 4 चाँद से थोड़ी सी गप्पे

पृष्ठ संख्या: 30

प्रश्न अभ्यास

कविता से

1. कविता में ‘आप पहने हुए हैं कुल आकाश’ कह कर लड़की क्या कहना चाहती है ?

उत्तर :

कविता में ‘आप पहने हुए हैं कुल आकाश’ कह कर  लड़की चाँद तारों से जड़ी हुई चादर ओढ़ कर बैठा है ।

पृष्ठ संख्या : 31

2. ‘हम को बुद्धू ही निरा समझा है !’ कह कर लड़की क्या कहना चाहती है ?

उत्तर :

‘हम को बुद्धू ही निरा समझा है !’ कह कर लड़की हम बुद्धू नहीं हैं जो आपकी बीमारी ना समझ सकें ।

3. आशय बताओ –
‘यह मरज़ आपका अच्छा ही नहीं होने में आता है ।’

उत्तर :

कवि के अनुसार चाँद को कोई बीमारी है जिसके कारण ये घटते हैं तो घटते ही चले जाते हैं और बढ़ते हैं तो बढ़ते ही चले जाते हैं । ये बीमारी ठीक होने का नाम नहीं ले रही है ।

4. कवि ने चाँद से गप्पें किस दिन लगाई होंगी ? इस कविता में आई बातों की मदद से अनुमान लगाओ और इसके कारण भी बताओ ।
दिन                                             कारण
पूर्णिमा                                  …………………………………………………….
अष्टमी                                 …………………………………………………….
अष्टमी से पूर्णिमा के बीच      ……………………………………………………..
प्रथमा से अष्टमी के बीच        ……………………………………………………..

उत्तर :

‘गोल हैं खूब मगर
आप तिरछे नजर आते हैं जरा ।’ अष्टमी से पूर्णिमा के बीच चूँकि कविता में इन उपर्युक्त पंक्तियों का प्रयोग किया गया है  जिससे पता चलता है चाँद अभी तो गोल तो है पर पूरी तरह से नहीं यानी यहाँ पूर्णिमा से कुछ दिन पहले का वर्णन किया गया है ।

5. नई कविता में तुक या छंद की बजाय बिंब का प्रयोग अधिक होता है, बिंब वहत सवीर होती है जो शब्दों को पढ़ते समय हमारे मन में उभरती है । कई बार कुछ कवि शब्दों की ध्वनि की मदद से ऐसी तस्वीर बनाते हैं और कुछ कवि अक्षरों या शब्दों को इस तरह छापने पर बल देते हैं कि उन से कई चित्र हमारे मन में बनें । इस कविता के अंतिम हिस्से में चाँद को एकदम गोल बताने के लिए कवि ने   बिलकुल   शब्द के अक्षरों को अलग-अलग कर के लिखा है । तुम इस कविता के और किन शब्दों को चित्र की आकृति देना चाहोगे ? ऐसे शब्दों को अपने ढंग से लिख कर दिखाओ।

उत्तर :

• गोल
• तिरछे

पृष्ठसंख्या: 32

भाषा की बात

1. चाँद   संज्ञाहै।   चाँदनी   रातमें   चाँदनी   विशेषण है ।
नीचे दिए गए विशेषणों को ध्यान से देखो और बताओ कि कौन-सा प्रत्यय जुड़ने पर विशेषण बन रहे हैं । इन विशेषणों के लिए एक-एक उपयुक्त संज्ञा भी लिखो –

गुलाबी पगड़ी / मखमली घास / कीमती गहने / ठंडी रात / जंगली फूल / कश्मीरी भाषा

उत्तर :

नीचे दिए गए विशेषण ‘ई’प्रत्यय लगने से विशेषण बन रहे हैं ।

विशेषण – उपर्युक्त संज्ञा

गुलाबी – साड़ी
मखमली – कुर्ता
कीमती – सोना
ठंडी – हवा
जंगली – बिल्ली
कश्मीरी – लड़का

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2. • गोल-मटोल • गोरा-चिट्टा
कविता में आए शब्दों के इन जोडों में अंतर यह है कि चिट्टा का अर्थ सफ़ेद है और गोरा से मिलता-जुलता है जब कि मटोल अपने-आप में कोई शब्द नहीं है । यह शब्द ‘मोटा’ से बना है । ऐसे चार-चार शब्द युग्म सोच कर लिखो और उनका वाक्यों में प्रयोग करो ।

उत्तर :

बुरा-भला – वो अपने जिद्द पर अड़ा रहा इसलिए मैंने उसे बुरा – भला कहा ।
आज-कल – आज-कल अपराध की संख्या अधिक हो गयी है ।
पतला-दुबला – श्याम पतला-दुबला व्यक्ति है ।
दिन-रात – परीक्षा की तैयारी के लिए मोहित ने दिन-रात एक कर दिया ।

3. ‘बिलकुल गोल’ – कविता में इसके दो अर्थ हैं –
(क) गोल आकार का
(ख) गायब होना !
ऐसे तीन शब्द सोच कर उन से ऐसे वाक्य बनाओ कि शब्दों के दो-दो अर्थ निकलते हों ।

उत्तर :

पत्र
पेड़ से पत्र गिर रहे हैं ।
डाकिया पत्र लाया है ।
आम
आम फलों का राजा है ।
वह आम आदमी है ।

उत्तर

श्याम को इस प्रश्न का उत्तर नहीं पता था ।
वह उत्तर दिशा की ओर गया है ।

4. जोकि, चूँकि, हालाँकि – कविता की जिन पंक्तियों में ये शब्द आए हैं, उन्हें ध्यान से पढ़ो । ये शब्द दो वाक्यों को जोड़ने का काम करते हैं । इन शब्दों का प्रयोग करते हुए दो-दो वाक्य बनाओ।

उत्तर :

जो कि
उसने मेरा किताब लौटा दिया जो कि उसने पिछले हफ्ते लिया था ।
ताज महल दुनिया का अजूबा है जो कि आगरा में स्थित है ।
चूँकि
चूँकि मैं भूखा था इसलिए मैंने खाना खा लिया ।
चूँकि वहाँ भीड़ थी इसलिए मैं रुक गया ।
हालाँकि
हालाँकि मुझे उस पर गुस्सा आ रहा था फिर भी मैंने उसे छोड़ दिया ।
हालाँकि मैं स्कूल नहीं जा पाया फिर भी मैंने घर पर पढाई की ।

5. गप्प, गप-शप, गप्पबाज़ी – क्या इन शब्दों के अर्थ में अंतर है? तुम्हें क्या लगता है ? लिखो ।  

उत्तर :

गप्प – बिना काम की बात।  
गप-शप – इधर -उधर की बातचीत।  
गप्प बाज़ी – कुछ झूठी, कुछ सच्ची बात ।

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