NCERT Solutions Class 9 Hindi Sparsh Chapter 10 दोहे

Class 9 - Hindi : Sparsh
Chapter 10 - दोहे

NCERT Solutions Class 9 Hindi sparsh Textbook
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पृष्ठ संख्या : 94
प्रश्न अभ्यास

1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए −


प्रश्न : (क) प्रेम का धागा टूटने पर पहले की भांति क्यों नही हो पाता?

उत्तर :
प्रेम का धागा एक बार टूटने के बाद उसे दुबारा जोड़ा जाए तो उसमे गाँठ पड़ जाती है। वह पहले की भाँती नही जुड़ पाती, इसमें अविश्वास और संदेह की दरार पड़ जाती है।


प्रश्न : (ख) हमें अपना दुख दूसरों पर क्यों नहीं प्रकट करना चाहिए? अपने मन की व्यथा दूसरों से कहने पर उन का व्यवहार कैसा हो जाता है?

उत्तर :
हमें अपना दुख दूसरों पर इसलिए प्रकट नही करना चाहिए क्योंकि इससे कोई लाभ नही है। अपने मन की व्यथा दूसरों से कहने पर वे उसका मजाक उड़ाते हैं।


प्रश्न : (ग) रहीम ने सागर की अपेक्षा पंक जल को धन्य क्यों कहा है?

उत्तर :
रहीम ने सागर की अपेक्षा पंकजल को धन्य इसलिए कहा है क्योंकि छोटा होने के वावजूद भी वो लोगों और जीव-जंतुओं की प्यास को तृप्त करता है। सागर विशाल होने के बाद भी किसी की प्यास नही बुझा पाता।


प्रश्न : (घ) एक को साधने से सब कैसे सध जाता है?

उत्तर :
कवि की मान्यता है कि ईश्वर एक है। उसकी ही साधना करनी चाहिए। वह मूल है। उसे ही सींचना चाहिए। जैसे जड़ को सीचने से फल फूल मिल जाते हैं उसी तरह एक ईश्वर को पूजने से सभी काम सफल हो जाते हैं। केवल एक ईश्वर की साधना पर ध्यान लगाना चाहिए।


प्रश्न : (ड़) जलहीन कमल की रक्षा सूर्य भी क्यों नही कर पाता?

उत्तर :
जलहीन कमल की रक्षा सूर्य भी इसलिए नही कर पाता क्योंकि उसके पास अपना कोई सामर्थ्य नही होता। कोई भी उसी की मदद करता है जिसके पास आंतरिक बल होता है नही तो कोई मदद करने नही आता। 


प्रश्न : (च) अवध नरेश को चित्रकूट क्यों जाना पड़ा?

उत्तर :
अपने पिता के वचन को निभाने के लिए अवध नरेश को चित्रकूट जाना पड़ा।


प्रश्न : (छ) ‘नट’ किस कला में सिद्ध होने के कारण ऊपर चढ़ जाता है?

उत्तर :
‘नट’  कुंडली मारने की कला में सिद्ध कारण ऊपर चढ़ जाता है।


प्रश्न : (ज)’मोती, मानुष, चून’ के संदर्भ में पानी के महत्व को स्पष्ट कीजिए।

उत्तर :
मोती’ के संदर्भ में अर्थ है चमकया आब इस के बिना मोती का कोई मूल्य नहीं है। ‘मानुष’ के संदर्भ में पानी का अर्थ मान सम्मान है मनुष्य का पानी अर्थात सम्मान समाप्त हो जाए तो उसका जीवन व्यर्थ है। ‘चून’ के संदर्भ में पानी का अर्थ अस्तित्व से है। पानी के बिना आटा नहीं गूँथा जा सकता। आटे और चूना दोनों में पानी की आवश्यकता होती है।


प्रश्न : 2. निम्नलिखित का भाव स्पष्ट कीजिए−
(क) टूटे से फिरना मिले, मिले गाँठपरि जाय।

उत्तर :
कवि इस पंक्ति द्वारा बता रहा है की प्रेम का धागा एक बार टूट जाने पर फिर से जुड़ना कठिन होता है। अगर जुड़ भी जाए तो पहले जैसा प्रेम नही रह जाता। एक-दूसरे के प्रति अविश्वास और शंका होती रहती है।


प्रश्न : (ख) सुनि अठिलैहैं लोग सब, बाँटि नलै हैं कोय।

उत्तर :
कवि का कहना है कि अपने दुखों को किसी को बताना नही चाहिए। दूसरे लोग सहायता नही करेंगे और उसका मजाक भी उड़ायेंगे।


प्रश्न : (ग) रहिमनमूलहिं सींचिबो, फूलै फलै अघाय।

उत्तर :
इन पंक्तियों द्वारा कवि एक ईश्वर की आराधना पर ज़ोर देते हैं। इसके समर्थन में कवि वृक्ष की जड़ का उदाहरण देते हैं कि जड़ को सींचने से पूरे पेड़ पर पर्याप्त प्रभाव हो जाता है। अलग-अलग फल, फूल, पत्ते सींचने की आवश्यकता नहीं होती।


प्रश्न : (घ) दीरघदोहा अरथ के, आखर थोरे आहिं।

उत्तर :
दोहा एक ऐसा छंद है जिसमें अक्षर कम होते हैं पर उन में बहुत गहरा अर्थ छिपा होता है।


प्रश्न : (ङ) नादरीझि तन देत मृग, नर धन हेत समेत।

उत्तर :
जिस तरह संगीत की मोहनी तान पर रीझ कर हिरण अपने प्राण तक त्याग देता है। इसी प्रकार मनुष्य धन कला पर मुग्ध होकर धन अर्जित करने को अपना उद्देश्य बना लेता है और इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए वो सब कुछ त्याग ने को भी तैयार हो जाता है।


प्रश्न : (च)  जहाँ काम आवे सुई, कहा करे तरवारि।

उत्तर :
हरेक छोटी वस्तु का अपना अलग महत् वहोता है। कपडा सिलने का कार्य तलवार नही कर सकता वहां सुई ही काम आती है। इसलिए छोटी वस्तु की उपेक्षा नहीं करनी चाहिए।


प्रश्न : (च) पानी गए न उबरै, मोती, मानुष, चून।

उत्तर :
जीवन में पानी के बिना सब कुछ बेकार है। इसे बना कर रखना चाहिए, जैसे चमक या आब के बिना मोती बेकार है, पानी अर्थात सम्मान के बिना मनुष्य का जीवन बेकार है और बिना पानी के आटा या चूना को गुंथा नही जा सकता। इस पंक्ति में पानी की महत्ता को स्पष्ट किया गया है।

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प्रश्न : 3. निम्नलिखित भाव को पाठ में किन पंक्तियों द्वारा अभिव्यक्त किया गया है −
(क) जिस पर विपदा पड़ती है वही इस देश में आता है।

उत्तर :
− ”जा पर बिपदा पड़त है, सो आवत यह देस।”


(ख) कोई लाख कोशिश करे पर बिगड़ी बात फिर बन नहीं सकती।

उत्तर :
− ”बिगरी बात बनै नहीं, लाख करौ किनकोय।”


(ग) पानी के बिना सब सूना है अत: पानी अवश्य रखना चाहिए।

उत्तर :
− ”रहिमन पानी राखिए, बिनु पानी सबसून।”


प्रश्न : 4. उदाहरण के आधार पर पाठ में आए निम्नलिखित शब्दों के प्रचलित रूप लिखिए−उदाहण : कोय − कोई, जे – जो

ज्यों —————- कछु —————-
नहिं —————- कोय —————-
धनि —————- आखर —————-
जिय —————- थोरे —————-
होय —————- माखन —————-
तरवारि —————- सींचिबो —————-
मूलहिं —————- पिअत —————-
पिआसो —————- बिगरी —————-
आवे —————- सहाय —————-
ऊबरै —————- बिनु —————-
बिथा —————- अठिलैहैं —————-
परिजाय —————- —————-

उत्तर :

ज्यों जैसे कछु कुछ
नहिं नहीं कोय कोई
धनि धन्य आखर अक्षर
जिय जी थोरे थोड़े
होय होना माखन मक्खन
तरवारि तलवार सींचिबो सींचना
मूलहिं मूलको पिअत पीना
पिआसो प्यासा बिगरी बिगड़ी
आवे आए सहाय सहायक
ऊबरै उबरना बिनु बिना
बिथा व्यथा अठिलैहैं हँसी उड़ाना
परिजाय पड़ जाए

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