NCERT Solutions Class 9 Hindi Sparsh Chapter 11 आदमी नामा

Class 9 - Hindi : Sparsh
Chapter 11 - आदमी नामा

NCERT Solutions Class 9 Hindi sparsh Textbook
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पृष्ठ संख्या : 99
प्रश्न अभ्यास

प्रश्न : (क) पहले छंद में कवि की दृष्टि आदमी के किन-किन रूपों का बख़ान करती है? क्रम से लिखिए।

उत्तर :
(क) पहले छंद में कवि की दृष्टि आदमी में निम्नलिखित रूपों का बखान करती है−
1. आदमी का बादशाही रूप
2. आदमी का मालदारी रूप
3. आदमी का कमजोरी वाला रूप
4. आदमी का स्वादिष्ट भोजन करने वाला रूप
5. आदमी का सूखी रोटियाँ चबाने वाला रूप


प्रश्न : (ख) चारों छंदों में कवि ने आदमी के सकारात्मक और नकारात्मक रूपों को परस्पर किन-किनरूपों में रखा है? अपने शब्दों में स्पष्ट कीजिए।

उत्तर :
चारों छंदो में कवि ने आदमी के सकारात्मक और नकारात्मक रूपों का तुलनात्मक रूप प्रस्तुत किया है −

सकारात्मक रूप नकारात्मक रूप
1. एक आदमी शाही किस्म के ठाट-बाट भोगता है। 1. दूसरे आदमी को गरीबी में दिन बिताने पड़ते हैं।
2. एक आदमी मालामाल होता है 2. दूसरा आदमी कमज़ोर होता जाता है।
3. एक स्वादिष्ट भोजन खाता है। 3. दूसरा सूखी रोटियाँ चबाता है।
4. एक धर्मस्थलों में धार्मिक पुस्तकें पढ़ता है . दूसरा धर्मस्थलों पर जूतियाँ चुराता है।
5. एक आदमी जान न्योछावर करता है 5. दूसरा जान से मार डालता है।
6. एक शरीफ सम्मानित है 6. दूसरा दुराचारी दुरव्यवहार करने वाला


प्रश्न : (ग) ‘आदमी नामा’ शीर्षक कविता के इन अंशो को पढ़ कर आपके मनमें मनुष्य के प्रति क्या धारणा बनती है?

उत्तर :
‘आदमी नामा’ शीर्षक कविता के अंशों को पढ़ कर हमारे मन में यह धारणा बनती है कि मुनष्य की अनेक प्रवृतियां है। कोई व्यक्ति धनवान है तो किसी के पास खाने को कुछ नहीं है। कुछ लोग दूसरों की मदद कर के खुश होते हैं तो कुछ दूसरों को अपमानित कर के। कोई व्यक्ति शरीफ है तो कोई दुष्ट। अतः मनुष्य भाग्य और परिस्थतियों का दास होता है।


प्रश्न : (घ) इस कविता का कौन-सा भाग आप को सबसे अच्छा लगा और क्यों?

उत्तर :
कविता का यह भाग बहुत अच्छा है −दुनिया में बादशाह है सो है वह भी आदमी
और मुफ़लिस-ओ-गदा है सो है वो भी आदमी
ज़रदार बेनवा है सो है वो भी आदमी
निअमतजो खा रहा है वो भी आदमी
टुकड़े चबा रहा है सो है वो भी आदमी
इस भाग में कवि ने मनुष्य के विभिन्न रूपों की व्याख्या की है। उन्होंने यह बतलाया है की धनवान और निर्धन दोनों आदमी ही हैं फिर भी उन दोनों में बहुत बड़ा अंतर है। इसी प्रकार पहलवान और कमजोर व्यक्ति भी आदमी ही हैं। सब आदमी होने के वाबजूद कोई रोज़ खाता है तो किसी को भूखा रहना पड़ता है।


प्रश्न : (ङ) आदमी की प्रवृतियों का उल्लेख कीजिए।

उत्तर :
‘आदमी नामा’ कविता के आधार पर आदमी की प्रवृतियाँ विभिन्न हैं। कुछ लोग बहुत अच्छे होते हैं कुछ लोग बहुत बुरे होते हैं। कुछ मस्ज़िद बनाते हैं, कुरान शरीफ़ का अर्थ बताते हैं तो कुछ वहीं जूतियाँ चुराते हैं। कुछ जान न्योछावर करते हैं, कुछ जान ले लेते हैं। कुछ दूसरों को सम्मान दे कर खुश होते हैं तो कुछ अपमानित कर के खुशी महसूस करते हैं।


प्रश्न : 2. निम्नलिखित अंशों को व्याख्या कीजिए−
(क) दुनिया में बादशाह है सो है वहभी आदमीऔर मुफ़लिस-ओ-गदा है सो है वो भी आदमी

उत्तर :
यही दुनिया कई तरह के लोगों से भड़ी पड़ी है। यहाँ कोई ठाठ -बाट से जी रहा है तो किसी के पास कुछ भी नही है। दोनों की स्थितियों में बहुत बड़ा अंतर है।


प्रश्न : (ख) अशराफ़ और कमीने से ले शाहता वज़ीर
ये आदमी ही करते हैं सब कारे दिल पज़ीर

उत्तर :
इस दुनिया में कुछ लोग बहुत ही शरीफ़ होते हैं तो कुछ लोग दुष्ट स्वभाव के। कुछ वजीर, कुछ बादशाह होते हैं। कुछ स्वामी तो कुछ सेवक होते हैं, कुछ लोगों के दिल के बहुत छोटे होते हैं।


प्रश्न : 3. निम्नलिखित में अभिव्यक्त व्यंग्य को स्पष्ट कीजिए −
(क) पढ़ते हैं आदमी ही कुरआन और नमाज़ यां
और आदमी ही उनकी चुराते हैं जूतियाँ
जो उनको ताड़ता है सो है वो भी आदमी

उत्तर :
इन पंक्तियों में व्यक्ति-व्यक्ति की रूचि और कार्यों में अंतर पर व्यंग्य किया गया है। कोई व्यक्ति मस्जिद में जाकर नमाज अदा करता है तो कोई वहीं पर जूतियाँ चुराता है। कुछ लोग बुराई पर नज़र रखने वाले भी होते हैं। इन सभी कामों को करने वाले आदमी ही करते हैं। मनुष्य के स्वभाव में अच्छाई बुराई दोनों होते हैं परन्तु वह किधर चले यह उस पर ही निर्भर करता है।


प्रश्न : (ख) पगड़ी भी आदमी की उतारे है आदमी
चिल्ला के आदमी को पुकारे है आदमी
और सुन के दौड़ता है सो है वो भी आदमी

उत्तर :
इन पंक्तियों में मनुष्यों के भिन्न रूपों पर व्यंग्य किया गया है। कोई आदमी दूसरों का अपमानित कर खुशी महसूस करता है तो मदद को पुकारने वाला भी आदमी ही  होता है। उसकी पुकार को सुन कर मदद करने वाला भी आदमी होता है। यानी परिस्थति बदलने पर आदमी का स्वरुप भी बदल जाता है।

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प्रश्न : 4. नीचे लिखे शब्दों का उच्चारण कीजिए और समझिए कि किस प्रकार नुक्ते के कारण उनमें अर्थ परिवर्तन आ गया है।
राज़ (रहस्य)
फ़न (कौशल)
राज (शासन)
फन (साँप का मुहँ)
ज़रा (थोड़ा)
फ़लक (आकाश)
जरा (बुढ़ापा)
फलक (लकड़ी का तख्ता)
ज़ फ़ से युक्त दो-दो शब्दों को और लिखिए।

उत्तर :
बाज़ – बाज
नाज़ – नाज
कफ़ – कफ
फ़क्र – फक्र


प्रश्न : 5. निम्नलिखित मुहावरों का प्रयोग वाक्यों में कीजिए−
(क) टुकड़े चबाना
(ख) पगड़ी उतारना
(ग) मुरीद होना
(घ) जान वारना
(ङ) तेग मारना

उत्तर :
(क) टुकड़े चबाना − कुछ व्यक्ति मेहनत करके भी सूखे टूकड़े चबाता है।
(ख) पगड़ी उतारना − मोहन श्याम की भरी सभा में पगड़ी उतारी।
(ग) मुरीद होना − उसकी बातें सुन कर मैं तो उसका मुरीद बन गया।
(घ) जान वारना − गणेश अपने भाई पर जान वारता है।
(ङ) तेग मारना − दुष्ट स्वभाव के लोग ही दूसरों को तेग मारते हैं।

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