NCERT Solutions Class 9 Hindi Sparsh Chapter 15 नए इलाके में aur खुशबू रचते हैं हाथ

Class 9 - Hindi : Sparsh
Chapter 15 - नए इलाके में ..... & खुशबू रचते हैं हाथ .....

NCERT Solutions Class 9 Hindi sparsh Textbook
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पृष्ठ संख्या : 124

नए इलाके में

प्रश्न अभ्यास

1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए −


प्रश्न : (क) नए बसते इलाके में कवि रास्ता क्यों भूल जाता है?

उत्तर :
नए बसते इलाके में प्रतिदिन नए मकान बनते चले जा रहे हैं। इन मकानों के बनने से पुराने पेड़, खाली ज़मीन, टूटे-फूटे घर सब कुछ खत्म हो गएहैं।  कवि अपने ठिकाने पर पहुँचने के लिए निशानियाँ बनाता है, वे जल्दी मिट जाती हैं। इसीलिए कवि रास्ता भूल जाता है।


प्रश्न : (ख) कविता में कौन-कौन से पुराने निशानों का उल्लेख किया गया है?

उत्तर :
इस कविता में पीपल का पेड़, ढहा हुआ घर, ज़मीन का खाली टुकड़ा, बिना रंग वाले लोहे के फाटक वाला मकान आदि पुराने निशानों का उल्लेख है। 


प्रश्न : (ग) कवि एक घर पीछे या दो घर आगे क्यों चल देता है?

उत्तर :
कवि एक घर पीछे या दो घर आगे इसलिए चल देता है क्योंकि नए इलाके में प्रतिदिन परिवर्तन आ रहे हैं। उसकी पुरानी पहचान करने की निशानियाँ मिट जाती हैं।


प्रश्न : (घ) ‘वसंत का गया पतझड़’ और ‘बैसाख का गया भादों को लौटा’ से क्या अभिप्राय है?

उत्तर :
कवि ने इस पंक्तियों में तेजी से बदलते दुनिया की ओर इशारा किया है। वे बताते हैं कि जब वो नए बसते इलाके में कुछ दिनों बाद आते हैं तो उन्हें हर चीज़ नयी मालूम पड़ती है। उन्हें लगता है वो सालों बाद आये हैं।


प्रश्न : (ड़) कवि ने इस कविता में ‘समय की कमी’ ओर क्यों इशारा किया है?

उत्तर :
कवि ने समय की कमी की ओर इशारा किया है क्योंकि उसने अपना काफी समय अपने घर को ढूँढने में बर्बाद कर दिया। प्रगति के इस दौर में लोग हरदम कुछ करने और बनाने में लगे हैं। इस दौर में कवि की पहचान की खो गयी है। समय के इस अभाव के कारण वह किसी के भी साथ आत्मीय सम्बंध नहीं बना पाता है।

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प्रश्न : (च) इस कविता में कवि ने शहरों को किस विडंबना की ओर संकेत किया है?

उत्तर :
इस कविता में कवि ने शहरों की इस विडंबना की ओर संकेत किया है कि जीवन की सहजता समाप्त होती जा रही है, बनावटी चीज़ों के प्रति लोगों का लगाव बढ़ता जा रहा है। सब आगे निकलना चाहते हैं, आपसी प्रेम, आत्मियता घटती जा रही है। लोगों की और रहने के स्थान की पहचान खोती जा रही है। स्वार्थ केन्द्रित लोगों के पास दूसरे के लिए समय ही नहीं है। आज की चीज़ कल पुरानी पड़ जाती है, कुछ भी स्थाई नहीं है।

2. व्याख्या कीजिए−


प्रश्न : (क) यहाँ स्मृति का भरोसा नहींएक ही दिनमें पुरानी पड़ जाती है दुनिया

उत्तर :
प्रस्तुत पंक्तियों में कवि यह कहना चाहते हैं कि नए इलाके में उसकी स्मृति भी उसका साथ छोड़ देती है। यहाँ नित नई-नई इमारतें बन रही हैं। इस कारण से वह इस नए इलाके का जो रेखाचित्र बना कर उसे याद रखता है, वह हर रोज़ बदल जाता है। इसलिए कवि को अब अपनी स्मृति पर भी भरोसा नहीं है।


प्रश्न : (ख) समय बहुत कम है तुम्हारे पासआ चला पानी ढहा आ रहा अकास
शायद पुकार ले कोई पहचाना ऊपर से देखकर

उत्तर :
प्रस्तुत पंक्तियों में कवि ने समय की कमी की ओर इशारा किया है क्योंकि उसने अपना काफी समय अपने घर को ढूँढने में बर्बाद कर दिया। आज के इस प्रगतिशील समय में हर इंसान प्रगति की सीढ़ियों को पार करने में लगा हुआ है परन्तु कवि अपनी पहचान भी भूल गया है। समय के इस अभाव के कारण वह किसी के भी साथ आत्मीय सम्बंध नहीं बना पाता है।

योग्यता विस्तार


प्रश्न : 3. पाठ में हिंदी महीनों के कुछ नाम आए हैं। आप सभी हिंदी महीनों के नाम क्रम से लिखिए।

उत्तर :
चैत्र, बैशाख, जेठ, अषाढ़, सावन, भादो, क्वार, कार्तिक, अगहन, पूस, माघ, फागुन।

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खुशबु रचते हैं हाथ


प्रश्न : (क) ‘खुशबु रचने वाले हाथ’ कैसी परिस्थितियों में तथा कहाँ-कहाँ रहते हैं?

उत्तर :
खुशबु रचने वाले हाथ दूर दराज के सबसे गंदे और बदबूदार इलाकों में रहते हैं। इनके घर नालों के पास और गलियों के बीच होते हैं। इनके घरों के आस-पास कूड़े – करकट का ढेर होता है। यहाँ इतनी बदबू होती है कि सिर फट जाता है। ये सारी दुनिया की गंदगी के बीच रहते हैं जो अत्यन्त दयनीय है।


प्रश्न : (ख) कविता में कितने तरह के हाथों की चर्चा हुई है?

उत्तर :
कविता में उभरी नसों वाले हाथ, पीपल के पत्ते से नए-नए हाथ, गंदे कटे-पिटे हाथ, घिसे नाखुनों वाले हाथ, जूही की डालसे खूशबूदार हाथ, जख्म से फटे हाथ जैसे हाथों की चर्चा हुई है।


प्रश्न : (ग) कवि ने यह क्यों कहा है कि ‘खुशबू रचते हैं हाथ’?

उत्तर :
कवि ने ऐसा इसलिए कहा है क्योंकि अगरबत्ती जिसका प्रयोग सुंगध फैलाने के लिए किया जाता है का निर्माण हाथों द्वारा किया जाता है।


प्रश्न : (घ) जहाँ अगरबत्तियाँ बनती हैं, वहाँ का माहौल कैसा होता है?

उत्तर :
जहाँ अगरबत्तियाँ बनती है, वहाँ का माहौल बड़ा ही गन्दा होता है। अगरबत्तियाँ गंदी बस्तियों में बनाई जाती हैं। ये बस्तियाँ अधिकतर गंदे नालों के किनारे पर स्थित होती हैं। यहाँ जगह-जगह कूड़े के ढेर व गन्दगी का राज होता है। चारों तरफ़ बदबू फैली होती है।


प्रश्न : (ङ) इस कविता को लिखने का मुख्य उद्देश्य क्या है?

उत्तर :
इस कविता को लिखने का मुख्य उद्देश्य गरीब मज़दूरों की दयनीय दशा की ओर ध्यान आकर्षित करना है। इस प्रकार कवि उनके उद्धार के प्रति चेतना जाग्रत करना चाहता है। वह चाहता है कि इन श्रमिकों की दयनीय दशा को सुधारा जाए, इनके रहने की दशा को स्वास्थ्यप्रद बनाया जाए।


प्रश्न : 2.  व्याख्या कीजिए−
(क) (i) पीपल के पत्ते-से नए-नए हाथ जूही की डाल से खुशबूदार हाथ

उत्तर :
इन पंक्तियों में बच्चों की ओर कि इशारा किया गया है जिनके हाथ पीपल के पत्तों की तरह कोमल, नए हैं, जिनमें जूही की डाल जैसी खुशबू आती है परन्तु अगरबत्ती बनाते बनाते उनके कोमल हाथ खुरदरे हो गए हैं। उनकी कोमलता और सुगंध गायब हो जाती है।


प्रश्न : (ii) दुनिया की सारी गंदगी के बीच दुनिया की सारी खुशबू
रचते रहते हैं हाथ

उत्तर :
कवि कहता है कि खुशबु रहने वाले हाथ अर्थात अगरबत्ती बनाने वाले लोग स्वयं कितने गंदे वातावरण में रहते हैं, इसकी कल्पना करना भी कठिन है। इस गंदगी में रह कर भी इनके हाथ में कमाल का जादू है ये खुशबूदार अगरबत्तियों को बनाते हैं।


प्रश्न : (ख) कवि ने इस कविता में ‘बहु वचन’ का प्रयोग अधिक किया है। इसका क्या कारण है?

उत्तर :
कवि ने इस कविता में किसी ख़ास एक व्यक्ति का वर्णन नही किया है बल्कि एक समाज का वर्णन किया है इस कारण इस कविता में ‘बहुवचन’ का प्रयोग अधिक किया है।


प्रश्न : (ग) कवि ने हाथों के लिए कौन-कौन से विशेषणों का प्रोयग किया है।

उत्तर :
कवि ने हाथों के लिए निम्नलिखित विशेषणों का प्रोयग किया है −
1. उभरी नसों वाले हाथ
2. गंदे नाखूनों वाले हाथ
3. पत्तों से नए हाथ
4. खुशबूदार हाथ
5. गंदे कटे पिटे हाथ
6. फटे हुए हाथ
7. खुशबू रचते हाथ

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