NCERT Solutions Class 7 Hindi Vasant Chapter 10 अपूर्व अनुभव

Class 7 - हिंदी - वसंत II
Chapter 10 : चिड़िया की बच्ची

NCERT Solutions Class 7 Hindi Vasant Textbook
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NCERT Solutions Class 7 Hindi Vasant Apoorva Anubhav अपूर्व अनुभव

पृष्ठ संख्या: 81

प्रश्न अभ्यास

पाठ से

1. यासुकी-चान को अपने पेड़ पर चढ़ाने के लिए तोत्तो-चान ने अथक प्रयास क्यों किया? लिखिए।

उत्तर :
जापान के शहर तोमोए में हर एक बच्चे का एकनिजी पेड़ था। चूँकि यासुकी-चान को पोलियो था, इसलिए वह न तो किसी पेड़ पर चढ़ पाता था और न किसी पेड़ को निजी संपत्ति मानता था। तोत्तो-चान जानती थी कि यासुकी-चान आम बालक की तरह पेड़ पर चढ़ने की इच्छा रखता है इसलिए उसकी इस इच्छा को पूरा करने के लिए तोत्तो-चान ने यासुकी-चान को अपने पेड़ पर चढ़ाने का अथक प्रयास किया ।

2. दृढ़ निश्चय और अथक परिश्रम से सफलता पाने के बाद तोत्तो-चान और यासुकी-चान को अपूर्व अनुभव मिला, इनदोनों के अपूर्व अनुभव कुछ अलग-अलग थे। दोनों में क्या अंतरर हे? लिखिए।

उत्तर :
तोत्तो-चान रोज अपने निजी पेड़ पर चढ़ती थी परन्तु इस बार अथक परिश्रम से पोलियो ग्रस्त अपने मित्र यासुकी-चान को पेड़ की द्वि शाखा तक पहुँचाने से उसे आज ख़ुशी के साथ आत्म संतुष्टि भी मिली जो उसके लिए अपूर्व अनुभव था। वहीँ दूसरी तरफ यासुकी-चान पहली बार पेड़ पर चढ़ पाया जिससे उसके मन की इच्छा पूरी हुई जो उसके लिए अपूर्व अनुभव था ।

3. पाठ में खोज कर देखिए –
कब सूरज का ताप यासुकी-चान और तोत्तो-चान पर पड़ रहा था, वे दोनों पसीने से तर बतर हो रहे थे और कब बादल का एक टुकड़ा उन्हें छाया देकर कड़कती धूप से बचाने लगा था। आपके अनुसार इस प्रकार परिस्थिति के बदलने का कारण क्या हो सकता है ?

उत्तर :
जब तोत्तो-चान और यासुकी-चान एक तिपाई-सीढ़ी के द्वारा पेड़ की द्वि शाखा तक पहुँच रहे थे तब सूरज का ताप उन पर पड़ रहा था, वे दोनों पसीने से तर बतर हो रहे थे। जब तोत्तो-चान अपनी पूरी ताकत से यासुकी-चान को पेड़ की ओर खींच रही थी तब बादल का एक टुकड़ा उन्हें छाया देकर कड़कती धूप से बचाने लगा था। मेरे अनुसार इस प्रकार परिस्थिति के बदलने का कारण उन दो मित्रों को सहयोग उनके भले काम में सहयोग देना था ।

4. ‘यासुकी-चान को लिए पेड़ पर चढ़ने का यह . . . . . अंतिम मौका था’ – इस अधूरे वाक्य को पूरा कीजिये और लिख कर बताइए कि लेखिका ने ऐसा क्यों लिखा होगा।

उत्तर :
यासुकी-चान को लिए पेड़ पर चढ़ने का यह पहला अंतिम मौका था। लेखिका ने ऐसा इसलिए कहा होगा क्योंकि यासुकी-चान पोलियो से ग्रस्त था इसलिए स्वयं पेड़ पर चढ़ने में असमर्थथा और तोत्तो-चान सब से झूठ बोलकर इतनी मेहनत हमेशा नही कर सकती थी।

अनुमान और कल्पना

1. अपनी माँ से झूठ बोलते समय तोत्तो-चानकी नज़रें नीचे क्यों थीं?

उत्तर :
तोत्तो-चान हमेशा झूठ बोलने की आदत नहीं थी। उसे लग रहा था की कहीं उसका झूठ पकड़ा नही जाए इसलिए अपनी माँ से झूठ बोलते समय तोत्तो-चान की नज़रें नीचें थीं।

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2. यासुकी-चान जैसे शारीरिक चुनौतियों से गुज़रने वाले व्यक्तियों के लिए चढ़ने-उतरने की सुविधाएँ हर जगह नहीं होतीं। लेकिन कुछ जगहों पर ऐसी सुविधाएँ दिखाई देती हैं। उन सुविधा वाली जगहों की सूची बनाइए।

उत्तर :
शारीरिक चुनौतियों से गुज़रने वाले व्यक्तियों के लिए चढ़ने-उतरने की सुविधाएँ सुविधा वाली जगहों कई हैं जैसे – अस्पताल, मेट्रो स्टेशन, शॉपिंग मॉल आदि।

भाषा की बात

1. पाठमें ‘ठिठिया कर हँसने लगी’, ‘पीछे से धकियाने लगी’ जैसे वाक्य आए हैं। ठिठिया कर हँसने के मतलब का आप अवश्य अनुमान लगा सकते हैं। ठी-ठी-ठी हँसना या ठठा मार कर हँसना बोलचाल में प्रयोग होता है। इनमें हँसने की ध्वनि के एक खास अंदाज़ को हँसी का विशेषण बना दिया गया है। साथ ही ठिठियाना और धकियाना शब्द में ‘आना’प्रत्यय का प्रयोग हुआ है। इस प्रत्यय से फ़िल्माना शब्द भी बन जाता है। ‘आना’ प्रत्यय से बनने वाले चार सार्थक शब्द लिखिए।

उत्तर :
लड़वाना, रोजाना, ठिकाना, घबराना

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