NCERT Solutions Class 9 Hindi Sparsh Chapter 5 वैज्ञानिक चेतना के वाहक चन्द्रशेखर वेंकटरामन

Class 9 - Hindi : Sparsh
Chapter 5 - वैज्ञानिक चेतना के वाहक चन्द्रशेखर वेंकटरामन

NCERT Solutions Class 9 Hindi sparsh Textbook
Top Block 1
पृष्ठ संख्या : 49
प्रश्न अभ्यास

निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर एक – दो पंक्तियों में दीजिए−


प्रश्न : 1. रामन् भावुक प्रकृति प्रेमी के अलावा और क्या थे?

उत्तर :
रामन् भावुक प्रकृति प्रेमी के अलावा एक वैज्ञानिक की भी जिज्ञासा रखते थे।


प्रश्न : 2. समुद्र को देख कर रामन् के मनमें कौन-सी दो जिज्ञासाएँ उठीं?

उत्तर :
समुद्र को देख कर रामन् के मन में दो जिज्ञासाएँ उठीं कि समुद्र के पानी का रंग नीला ही क्यों होता है? कोई और क्यों नहीं होता है?


प्रश्न : 3. रामन् के पिता ने उनमें किन विषयों की सशक्त नींव डाली?

उत्तर :
रामन् के पिता ने उनमें गणित और भौतिकी की सशक्त नींव डाली।

पृष्ठ संख्या : 50

प्रश्न : 4. वाद्य यंत्रों की ध्वनियों के अध्ययन के द्वारा रामन् क्या करना चाहते थे?

उत्तर :
रामन् वाद्य यंत्रों की ध्वनियों के द्वारा उनके कंपन के पीछे छिपे रहस्य की परतें खोलना चाहते थे।


प्रश्न : 5. सरकारी नौकरी छोड़ने के पीछे रामन् की क्या भावना थी?

उत्तर :
सरकारी नौकरी छोड़ने के पीछे रामन् की भावना थी कि वह पढ़ाई कर के विश्वविद्यालय के शिक्षक बन कर, अध्ययन अध्यापन और शोधकार्यों में अपना पूरा समय लगाए।


प्रश्न : 6. ‘रामन् प्रभाव’ की खोजके पीछे कौन-सा सवाल हिलोरें ले रहा था?

उत्तर :
रामन् की खोज के पीछे का सवाल ‘आखिर समुद् रके पानी का रंग नीला ही क्यों है?’ हिलोरें ले रहा था।


प्रश्न : 7. प्रकाश तरंगों के बारे में आइंस्टाइन ने क्या बताया?

उत्तर :
प्रकाश तरंगों के बारे में आइंस्टाइन ने बताया कि प्रकाश अति सूक्ष्मकणों की तीव्र धारा के समान है। उन्होंने इन कणों की तुलना बुलेट से की और इन्हें फोटॉन नाम दिया।


प्रश्न : 8. रामन् की खोजने किन अध्ययनों को सहज बनाया?

उत्तर :
रामन् की खोज ने पदार्थों के अणुओं और परमाणुओं के बारे में खोज के अध्ययन को सहज बनाया।

(क) निम्नलिखित प्रश् नका उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए –


प्रश्न : 1. कॉलेज के दिनों में रामन् की दिली इच्छा क्या थी?

उत्तर :
कॉलेज के दिनों में रामन् की दिली इच्छा थी कि वे नए-नए वैज्ञानिक प्रयोग करें, पूरा जीवन शोधकार्यों में लगा दें। उनका मन और दिमाग विज्ञान के रहस्यों को सुलझाने के लिए बैचेन रहता था। उनका पहला शोधपत्र फिलॉसॉफिकल मैग़जीन में प्रकाशित हुआ।


प्रश्न : 2. वाद्य यंत्रों पर की गई खोजों से रामन् ने कौन-सी भ्रांति तोड़ने की कोशिश की?

उत्तर :
रामन् ने देशी और विदेशी दोनों प्रकारके वाद्ययंत्रों का अध्ययन कर इस भ्रान्ति को तोड़ने की कोशिश की कि भारतीय वाद्य यंत्र विदेशी वाद्य यंत्रों की तुलना में घटिया हैं।


प्रश्न : 3. रामन् के लिए नौकरी संबंधी कौन-सा निर्णय कठिन था?

उत्तर :
रामन् भारत सरकार के वित्त विभाग में अफसर थे। एक दिन प्रसिद्ध शिक्षा शास्त्री सर आशुतोष मुखर्जी ने रामन् से नौकरी छोड़ कर कलकत्ता विश्वविद्यालय में प्रोफेसर का पद लेने के लिए आग्रह किया। इस बारे में निर्णय लेना उनके लिए अत्यंत कठिन था। सरकारी नौकरी की बहुत अच्छी तनख्वाह अनेकों सुविधाएँ छोड़ कर कम वेतन, कम सुविधाओं वाली नौकरी का फैसला मुश्किल था।


प्रश्न : 4. सर चंद्रशेखर वेंकटरामन् को समय-समय पर किन-किन पुरस्कारों से सम्मानित किया गया?

उत्तर :
सर चंद्रशेखर वेंकटरामन् को समय-समय परअनेक पुरस्कारों से सम्मानित किया गया। 1924 में ‘रॉयल सोसायटी’ की सदस्यता प्रदान की गई। 1929 में उन्हें ‘सर’ की उपाधि दी गई। 1930 में विश्व का सर्वोच्च पुरस्कार ‘नोबल पुरस्कार’ प्रदान किया गया। रॉयल सोसायटी का ह्यूज पदक प्रदान किया गया। फ़िलोडेल्फ़िया इंस्टीट्यूट का ‘फ्रेंकलिन पदक’ मिला। सोवियत संघ का अंतर्राष्ट्रीय ‘लेनिऩ पुरस्कार मिला। 1954 में उन्हें देश के सर्वोच्च सम्मान ‘भारत रत्न’ से सम्मानित किया गया।


प्रश्न : 5. रामन् को मिलने वाले पुरस्कारों ने भारतीय-चेतना को जाग्रत किया। ऐसा क्यों कहा गया है?

उत्तर :
रामन् को समय – समय पर मिलने वाले पुरस्कारों ने भारतीय-चेतना को जाग्रत किया। इनमें से अधिकांश पुरस्कार विदेशी थे और प्रतिष्ठित भी। अंग्रेज़ों की गुलामी के दौर में एक भारतीय वैज्ञानिक को इतना सम्मान दिए जाने से भारत को आत्मविश्वास औरआत्मसम्मान मिला और लोगों को प्रेरणा भी।

(ख) निम्नलिखित प्रश् नका उत्तर (50 -60 शब्दों में) लिखिए –


प्रश्न : 1. रामन् के प्रारंभिक शोध कार्य को आधुनिक हठ योग क्यों कहा गया है?

उत्तर :
रामन् के समय में शोध कार्य करने के लिए परिस्थितियाँ बिल्कुल विपरीत थीं। वे सरकारी नौकरी भी करते थे जिस कारण समय का अभाव रहता था। परन्तु फिर भी रामन् फुर्सत पाते ही ‘बहू बाज़ार’ चले जाते। वहाँ ‘ इंडियन एसोसिएशन फॉर द कल्टीवेशन ऑफ साइंस’ की प्रयोगशाला में काम करते। इस प्रयोगशाला में साधनों का अभाव था लेकिन रामन् काम चलाऊ उपकरणों से भी शोध कार्य करते  थे। ऐसे में अपनी इच् छाशक्ति के बलबूते पर अपना शोध कार्य करना आधुनिक हठ योग कहा गया है।


प्रश्न : 2. रामन् की खोज ‘रामन् प्रभाव’ क्या है? स्पष्ट कीजिए।

उत्तर :
जब एक वर्णीय प्रकाश की किरण किसी तरल या ठोस रवेदार पदार्थ से गुजरती है तो उसके वर्ण में परिवर्तन आ जाता है। एक वर्णीय प्रकाश की किरण के फोटॉन जब तरल ठोस रवे से टकराते हैं तो उर्जा का कुछ अंश खो देते हैं या पा लेते हैं दोनों स्थितियों में रंग में बदलाव आता है। इसी को ‘रामन् प्रभाव’ कहा गया है।


प्रश्न : 3. ‘रामन् प्रभाव’ की खोज से विज्ञान के क्षेत्रमें कौन-कौन से कार्य संभव हो सके?

उत्तर :
‘रामन् प्रभाव’ की खोज से विज्ञान के क्षेत्र में अनेक कार्य संभव हो सके। विभिन् नपदार्थों के अणुओं और परमाणुओं की आंतरिक संरचना का अध्ययन सहज हो गया। रामन् की खोज के बाद पदार्थों की आणविक और परमाणविक संरचना के अध्ययन के लिए रामन् स्पेक्ट्रोस्कोपी का सहारा लिया जाने लगा । रामन् की तकनीक एक वर्णीय प्रकाश के वर्ण में परिवर्तन के आधार पर पदार्थों के अणुओं और परमाणुओं की संरचना की सटीक जानकारी देने लगी। अब पदार्थों का संश्लेषण प्रयोगशाला में करना तथा अनेक उपयोगी पदार्थों का कृत्रिम रुप में निर्माण संभव हो गया।


प्रश्न : 4. देश को वैज्ञानिक दृष्टि और चिंतन प्रदान करने में सर चंद्रशेखर वेंकट रामन् के महत्वपूर्ण योगदान पर प्रकाश डालिए।

उत्तर :
सर चंद्रशेखर वेंकट रामन् ने देश को वैज्ञानिक दृष्टि और चिंतन प्रदान करने में अत्यंत महत्वपूर्ण योगदान दिया। उन्होंने सरकारी नौकरी छोड़कर वैज्ञानिक कार्यों के लिए जीवन समर्पित कर दिया। उन्होंने रामन् प्रभाव की खोज कर नोबल पुरस्कार प्राप् तकिया। बंगलोर में शोध संस्थान की स्थापना की, इसे रामन् रिसर्च इंस्टीट्यूट के नाम से जाना जाता है। भौतिक शास्त्रमें अनुसंधान के लिए इंडियन जनरल ऑफ फिजिक्स नामक शोध पत्रिका आरंभ की, करेंट साइंस नामक पत्रिका भी शुरु की, प्रकृति में छिपे रहस्यों का पता लगाया।


प्रश्न : 5. सर चंद्रशेखर वेंकट रामन् के जीवन से प्राप् तहोने वाले संदेश को अपने शब्दों में लिखिए।

उत्तर :
सर चंद्रशेखर वेंकट रामन् के जीवन से ह में सदैव आगे बढ़ते रहने का संदेश देता है। रामन् ने संदेश दिया है कि हमें अपने आसपास घट रही विभिन्न प्राकृतिक घटनाओं की छान बीन वैज्ञानिक दृष्टि से करनी चाहिए । व्यक्ति को अपनी प्रतिभा का सदुपयोग करना चाहिए। भले ही इसके लिए सुख-सुविधाओं को त्यागना पड़े। इच्छा शक्ति से राह सदैव निकल आती है।

(ग) निम्नलिखित का आशय स्पष्ट कीजिए।


(क) उनके लिए सरस्वती की साधना सरकारी सुख-सुविधाओं से कहीं अधिक महत्त्वपूर्ण थी।

उत्तर :
जब सर आशुतोष मुखर्जी ने रामन् से नौकरी छोड़कर कलकत्ता विश्वविद्यालय में प्रोफेसर का पद लेने के लिए आग्रह किया तब उन्होंने यह सहर्ष स्वीकार किया जबकि वे तनख्वाह और सुख सुविधाओं वाले पद पर कार्यरत थे जो की उन्हें प्रोफेसर रहते नही मिलने वाला था। इससे पता चलता है कि उनके लिए सरस्वती की साधना सरकारी सुख-सुविधाओं से कहीं अधिक महत्त्वपूर्ण थी।


(ख) हमारे पास ऐसी न जाने कितनी ही चीज़ें बिखरी पड़ी हैं, जो अपने पात्र की तलाश में हैं।

उत्तर :
हमारे आस-पास के वातावरण में अनेक प्रकार की चीज़ें मौजूद हैं जिनके रहस्य अभी तक अनसुलझे हैं। वो भी किसी ऐसे व्यक्ति की तालाश जो उनको वैज्ञानिक दृष्टि से देख सके, अध्ययन कर सके और उनके पहलुओं को सुलझा सके।


(ग) यह अपने आप में एक आधुनिक हठ योग का उदाहरण था।

उत्तर :
डॉ. रामन् सरकारी नौकरी करते हुए भी बहू बाजार स्थित प्रयोगशाला जाते थे। उस प्रयोगशाला में काम चलाऊ उपकरणों तथा इच्छा शक्ति द्वारा अपने शोध कार्यो को संपन्न करते थे। इससे लेखक ने अपने आप में एक आधुनिक हठ योग का उदाहरण बताया है।


(घ) उपयुक्त शब्द का चयन करते हुए रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए−
इंफ्रा रेड स्पेक्ट्रो स्कोपी,
इंडियन एसोसिएशन फॉर द कल्टिवेशन ऑफ़ साइंस,
फिलॉसॉफिकल मैगज़ीन,
भौतिकी,
रामन् रिसर्च इंस्टीट्यूट

1. रामन् का पहला शोधपत्र ………… में प्रकाशित हुआ था।
2. रामन् की खोज …………… के क्षेत्रमें एक क्रांति के समान थी।
3. कलकत्ता की मामूली-सी प्रयोगशाला का नाम …………….. था।
4. रामन् द्वारा स्थापित शोध संस्थान ……… नाम से जानी जाती है।
5. पहले पदार्थों के अणुओं और परमाणुओं की आंतरिक संरचना का अध्ययन करने के लिए ………. का सहारा लिया जाता था।

उत्तर :
1. रामन् का पहला शोधपत्र फिलॉसॉफिकल मैगज़ीन में प्रकाशित हुआ था।
2. रामन् की खोज भौतिकी के क्षेत्र में एक क्रांति के समान थी।
3. कलकत्ता की मामूली-सी प्रयोगशाला का नाम इंडियन एसोसिएशन फॉर द कल्टिवेशन ऑफ़ साइंस था।
4. रामन् द्वारा स्थापित शोध संस्थान रामन् रिसर्च इंस्टीट्यूट नाम से जानी जाती है।
5. पहले पदार्थों के अणुओं और परमाणुओं की आंतरिक संरचना का अध्ययन करने के लिए इंफ्रा रेड स्पेक्ट्रो स्कोपी का सहारा लिया जाता था।

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भाषा अध्ययन

प्रश्न : 1.नीचे कुछ समानदर्शी शब्द दिए जा रहे हैं जिनका अपने वाक्य में इस प्रकार प्रयोग करें कि उनके अर् थका अंतर स्पष्ट हो सके।
(क)प्रमाण……………………..
(ख)प्रणाम…………………….
(ग)धारणा……………………..
(घ)धारण…………………….
(ङ)पूर्ववर्ती…………………….
(च)परवर्ती……………………..
(छ)परिवर्तन…………………….
(ज)प्रवर्तन…………………….

उत्तर :
(क)प्रमाण−मैं यह बात प्रमाण सहित कह सकता हूँ।
(ख)प्रणाम−अपने से बड़ों को प्रणाम करना चाहिए।
(ग)धारणा−धर्म के प्रति हमारी धारणा बदलनी चाहिए।
(घ)धारण−सदा स्वच्छ वस्त्र धारण करो।
(ङ)पूर्ववर्ती−कई किले पूर्ववर्ती राजाओं ने बनाए।
(च)परवर्ती−अब परवर्ती पीढ़ी ही देश की रक्षा करेगी।
(छ)परिवर्तन−अब सृष्टि में भी अनेकों परिवर्तन हो रहे हैं।
(ज)प्रवर्तन−प्रवर्तन कार्यालय में जाना है।


प्रश्न : 2. रेखांकित शब्द के विलोम शब्द का प्रयोग करते हुए रिक्त स्थान की पूर्ति कीजिए−
(क) मोहन के पिता मन से सशक्त होते हुए भी तन से ………….. हैं।
(ख) अस्पताल के अस्थायी कर्मचारियों को ………….. रुप से नौकरी दे दी गई है।
(ग) रामन् ने अनेक ठोस रवों और…………… पदार्थों पर प्रकाश की किरण के प्रभाव का अध्ययन किया।
(घ) आज बाज़ार में देशी और………………. दोनों प्रकार के खिलौने उपलब्ध हैं।
(ङ) सागर की लहरों का आकर्षण उसके विनाशकारी रुप को देखने के बाद………..में परिवर्तित हो जाता है।

उत्तर :
(क) मोहन के पिता मन से सशक्त होते हुए भी तन से अशक्त हैं।
(ख) अस्पताल के अस्थायी कर्मचारियों को स्थायी रुप से नौकरी दे दी गई है।
(ग) रामन् ने अनेक ठोस रवों और तरल पदार्थों पर प्रकाश की किरण के प्रभाव का अध्ययन किया।
(घ) आज बाज़ार में देशी और विदेशी दोनों प्रकार के खिलौने उपलब्ध हैं।
(ङ) सागर की लहरों का आकर्षण उसके विनाशकारी रुप को देखने के बाद विकर्षण में परिवर्तित हो जाता है।


प्रश्न : 3. नीचे दिए उदाहरण में रेखांकित अंश में शब्द-युग्म का प्रयोग हुआ है −
उदाहरण: चाऊतान को गाने-बजाने में आनंद आता है।
उदाहरण के अनुसार निम्नलिखित शब्द-युग्मों का वाक्यों में प्रयोग कीजिए−
सुख-सुविधा ………………………..
अच्छा-खासा ………………………..
प्रचार-प्रसार ……………………….
आस-पास ……………………….

उत्तर :
सुख-सुविधा – रोहन को सुख-सविधा में रहने की आदत है।
अच्छा-खासा – माँ ने अच्छा-खासा खाना बनाया था।
प्रचार-प्रसार – नेताजी प्रचार-प्रसार में लगे हैं।
आस-पास – हमारे आस-पास हरियाली है।

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प्रश्न : 4. प्रस्तुत पाठ में आए अनुस्वार और अनुनासिक शब्दों को निम्न तालिका में लिखिए−

अनुस्वार अनुनासिक
(क)अंदर (क)ढूँढ़ते
(ख)…………………. (ख)………………….
(ग)…………………. (ग)………………….
(घ)…………………. (घ)………………….
(ङ)…………………. (ङ)………………….

उत्तर :

अनुस्वार अनुनासिक
(क) अंदर (क) ढूँढ़ते
(ख) सदियों (ख) पहुँचता
(ग)असंख्य (ग) सुविधाएँ
(घ) रंग (घ) स्थितियाँ
(ङ) नींव (ङ) वहाँ
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प्रश्न : 5. पाठ में निम्नलिखित विशिष्ट भाषा प्रयोग आए हैं। सामान्य शब्दों में इनका आशय स्पष्ट कीजिए−
घंटों खोए रहते, स्वाभाविक रुझान बनाए रखना, अच्छा-खासा काम किया, हिम्मत का काम था, सटीक जानकारी, काफ़ी ऊँचे अंक हासिल किए, कड़ी मेहनत के बाद खड़ा किया था, मोटी तनख्वाह

उत्तर :
1. घंटो खोए रहना − वैज्ञानिक अपने प्रयोगों में घंटो खोए रहते हैं।
2. स्वाभाविक रुझान बनाए रखना − लोग अपनी रुचि के अनुसार कार्यों में स्वाभाविक रूझान बनाए रखते हैं।
3. अच्छा खासा काम किया − इस भवन पर अच्छा खासा काम किया गया है।
4. हिम्मत का काम था − उसने बच्चे को बाढ़ में से बचा कर हिम्मत का काम किया।
5. सटीक जानकारी − हमारी अध्यापिका को अपने विषय में सटीक जानकारी है।
6. काफ़ी ऊँचे अंक हासिल किए− आज कल बच्चे बहुत ऊँचे अंक हासिलकरते हैं।
7. कड़ी मेहनत के बाद खड़ा किया − आज वह यह मुकाम कड़ी मेहनत के बाद खड़ा कर पाया है।
8. मोटी तनख्वाह− यह अफसर मोटी तनख्वाह पाता है।


प्रश्न : 6. पाठ के आधार पर मिलान कीजिए−

नीला काम चलाऊ
पिता रव
तैनाती भारतीय वाद्य यंत्र
उपकरण वैज्ञानिक रहस्य
घटिया समुद्र
फोटॉन नींव
भेदन कलकत्ता

उत्तर :

नीला समुद्र
पिता नींव
तैनाती कलकत्ता
उपकरण काम चलाऊ
घटिया भारतीय वाद्य यंत्र
फोटॉन रव
भेदन वैज्ञानिक


प्रश्न : 7. पाठमें आए रंगों की सूची बनाइए। इनके अतिरिक्त दस रंगों के नाम और लिखिए।

उत्तर :
रंगों की सूची − बैंगनी, नीले, आसमानी, हरे, पीले, नारंगी, लाल
दस रंगों के नाम − आडू़-नारंगी, गहरा आडू़, उज्ज्वल हरा, एलिस नीला, सलेटी, ओली वाइन, काँस्य, गुलाबी, किरमिज


प्रश्न : 8. नीचे दिए गए उदाहरण ‘ही’ का प्रयोग करते हुए पाँच वाक्य बनाइए।उदाहरण: उनके ज्ञान की सशक्त नींव उनके पिता ने ही तैयार की थी।

उत्तर :
1. राम के कारण ही यह कार्य संभव हो सका।
2. तुम ही जाकर ले आओ।
3. उस छात्र ने ही मोहन को मारा।
4. गीता ही अकेली जा रही है।
5. केवल वह ही जाएगा।

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