NCERT Solutions Class 9 Hindi Sparsh Chapter 6 कीचड़ का काव्य

Class 9 - Hindi : Sparsh
Chapter 6 - कीचड़ का काव्य

NCERT Solutions Class 9 Hindi sparsh Textbook
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पृष्ठ संख्या : 58
प्रश्न अभ्यास

निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर एक – दो पंक्तियों में दीजिए−


प्रश्न : 1.  रंग की शोभा ने क्या कर दिया है?

उत्तर :
रंग की शोभा ने उतर दिशा में जम कर कमाल ही कर दिया है।


प्रश्न : 2. बादल किस की तरह हो गए थे?

उत्तर :
बादल स्वेत पूनी की तरह हो गएथे। 


प्रश्न : 3. लोग किन-किन चीज़ो का वर्णन करते हैं?

उत्तर :
लोग आकाश, पृथ्वी, जलाशयों का वर्णन करते हैं।


प्रश्न : 4. कीचड़ से क्या होता है?

उत्तर :
कीचड़ से शरीर गन्दा होता है और कपडे मैले होते हैं।


प्रश्न : 5. कीचड़ जैसा रंग कौन लोग पसंद करते हैं?

उत्तर :
कीचड़ जैसा रंग कला भिज्ञ लोग पसंद करते हैं।


प्रश्न : 6. नदी के किनारे कीचड़ कब सुंदर दिखता है?

उत्तर :
नदी  के किनारे जब कीचड़ के सूख कर टुकड़े हो जाते हैं तब वे सुंदर दिखते हैं।


प्रश्न : 7. कीचड़ कहाँ सुन्दर लगता है?

उत्तर :
नदी के किनारे मिलों तक फैला समतल और चिकना  कीचड़ सुन्दर लगता है।


प्रश्न : 8. ‘पंक’ और ‘पंकज’ शब्द में क्या अंतर है?

उत्तर :
‘पंक’ शब्द का अर्थ कीचड़ तथा ‘पंकज’ का अर्थ कमल होता है।

(क) निम्नलिखित शब्द का उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए –


प्रश्न : 1. कीचड़ के प्रति किसी को सहानभूति क्यों नही होती?

उत्तर :
कीचड़ से शरीर गन्दा होता है। कपडे मैले हो जाते हैं। लोग कीचड़ को गंदगी का प्रतीक मानते हैं। अपने शरीर पर कीचड़ उड़े यह किसी को अच्छा नही लगता इसीलिए कीचड़ के प्रति किसी को सहानभूति नही होती।


प्रश्न : 2. जमीन ठोस होने पर उस पर किन के पदचिह्न अंकित होते हैं?

उत्तर :
जमीन ठोस हो जाने पर उस पर गाय, बैल, पाड़े, भैंस, बकरे इत्यादि के पद चिन्ह अंकित होते हैं।


प्रश्न : 3. मनुष्य को क्या भान होता जिससे वो कीचड़ का तिरस्कार न करता?

उत्तर :
मनुष्य को अगर यह भान होता की उसका अन्न कीचड़ में ही उत्पन्न होता है तो वो कीचड़ का तिरस्कार न करता।


प्रश्न : 4. पहाड़ लुप्त कर देने वाले कीचड़ की क्या विशेषता होती है?

उत्तर :
गंगा के किनारे या सिंधु के किनारे और खम्भात में महि नदी के मुख के आगे जहां तक नजर पहुंचे वहां तक सर्वत्र सनातन कीचड़ देखने मिलेगा जिसमें हाथ डूब जाने वाली बात कहना अल्पोक्ति के समान होगा। यह पहाड़ लुप्त कर देने वाले कीचड़ की विशेषता होती है।

(ख) निम्नलिखित शब्द का उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए –


प्रश्न : 1. कीचड़ का रंग किन-किन लोगों को खुश करता है?

उत्तर :
पुस्तकों के गत्तों पर, दिवारों पर, कच्चे मकानों पर सब लोग इस रंग को पंसद करते हैं। कलाभिज्ञ लोगों को भट्टी में पकाये गए मिटटी के बर्तनों के लिए यही रंग पसंद है। फोटो लेते समय उस पर कीचड़ का एकाध ठीकरे का रंग आ जाए तो उसे वार्म टोन कहकर विज्ञ लोग खुश होते हैं।


प्रश्न : 2. कीचड़ सूख कर किस प्रकार के दृश्य उपस्थित करता है?

उत्तर :
कीचड़ सूख कर टुकड़ो में बंट जाता है, उसमे दरारें पर जाती  हैं और वे टेढ़े हो जाते हैं तब वे सुखाये हुए खोपरे जैसे दिखते हैं।  नदी के किनारे कीचड़ सूख कर जब ठोस हो जाता है तब उस पर गाय, बैल, भैंस, पाड़े के निशाँ अंकित हो जाते हैं जिसकी शोभा अलग प्रकार की होती है।


प्रश्न : 3. सूखे हुए कीचड़ का सौंदर्य किन स्थानों पर दिखाई देता है?

उत्तर :
सूखे हुए कीचड़ का सौंदर्य नदियों के किनारे दिखाई देता है। कीचड़ जब थोड़ा सूख जाता है तो उस पर छोटे-छोटे पक्षी बगुले आदि घूमने लगते हैं। कुछ अधिक सूखने पर गाय, भैंस पांडे, भेड़, बकरियाँ के पद चिन्ह अंकित हो जाते  हैं। जब दो मदमस्त पाड़े अपने सींगो से कीचड़ को रौंदते हैं तो चिन्हों से ज्ञात होता है महिष कुल के युद्ध के वर्णन हो।


प्रश्न : 4. कवियों की धारणा को लेखक ने युक्ति शून्य क्यों कहा है?

उत्तर :
कवियों की धारणा केवल बाहरी सौंदर्य पर ध्यान देते हैं आंतरिक सौंदर्य की ओर उनका ध्यान नहीं जाता। पंकज शब्द बहुत अच्छा लगता है और पंक कहते ही बुरा सा लगता है। वे कमल को अपनी रचना में रखते हैं परन्तु पंक को अपनी रचना में नहीं लाते हैं। वे इसका तिरस्कार करते हैं। वे प्रत्यक्ष सौंदर्य की प्रशंसा करते हैं परन्तु उसको उत्पन्न करने वाले कारकों का सम्मान नहीं करते। कवियों का इस  धारणा को लेखक ने युक्ति शून्य कहा है।

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(ग) निम्नलिखित का आशय स्पष्ट कीजिये –


प्रश्न : 1. नदी किनारे अंकित पद चिह्न और सींगों के चिह्नों से मानो महिष कुल के भारतीय युद्ध का पूरा इतिहास ही इस कर्दम लेख में लिखा हो ऐसा भास होता है।

उत्तर :
इस वाक्य का आशय यह है कि नदी के किनारे जब दो मद मस्त पाड़े अपने सींगों से कीचड़ को रौंद कर आपस में लड़ते हैं तो उनके पैरों तथा सींगों के चिह्न अंकित हो जाते हैं जिसे देखने से ऐसा लगता है मानो महिष कुल के भारतीय युद्ध का इतिहास का वर्णन हो।


प्रश्न : 2. “आप वासुदेव की पूजा करते हैं इसलिए वासुदेव को तो नहीं पूजते, हीरे का भारी मूल्य देते हैं किन्तु कोयले या पत्थर का नहीं देते और मोती को कठ में बाँध कर फिरते हैं किंतु उसकी मातुश्री को गले में नहीं बाँधते।” कस-से-कम इस विषय पर कवियों के साथ चर्चा न करना ही उत्तम !

उत्तर :
कवियों का कहना है कि एक अच्छी और सुंदर वस्तु को स्वीकार करते हैं तो उससे जुड़ी चीज़ों को भी स्वीकार करना चाहिए। हीरा कीमती होता है परन्तु उसके उत्पादक कार्बन को ज़्यादा नहीं पूछा जाता। श्री कृष्ण को वासुदेव कहते हैं लोग उन्हें पूजते भी हैं परन्तु उनके पिता वासुदेव को भी पूजे यह ज़रूरी नहीं है। इसी तरह मोती इतना कीमती होता है लोग इसे गले में पहनते हैं पर सीप जिसमें मोती होता है इसे गले में बाँधे यह ज़रूरी नहीं है। अत: कवियों के अपने तर्क होते हैं। उनसे इस विषय पर बहस करना बेकार है।

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भाषा अध्ययन

प्रश्न : 1. निम्नलिखित शब्दों के तीन-तीन पर्यायवाची शब्द लिखिए−
1.जलाशय-……………………
2.सिंधु-……………………
3.पंकज-……………………
4.पृथ्वी-……………………
5.आकाश-……………………

उत्तर :
1.जलाशय – ताल, सरोवर, सर
2.सिंधु – जलधि, सागर, रत्नाकर
3.पंकज – कमल, जलज, अंबुज, राजीव
4.पृथ्वी – भू, भूमि, धरा, वसुधा
5.आकाश – नभ, गगन, व्योम, अंबर


प्रश्न : 2. निम्नलिखित वाक्यों में कारकों को रेखांकित कर उनके नाम भी लिखिए−
(क)कीचड़ का नाम लेते ही सब बिगड़ जाता है।……………………
(ख)क्या कीचड़ का वर्णन कभी किसी ने किया है?……………………
(ग)हमारा अन्न कीचड़ से ही पैदा होता है।……………………
(घ)पद चिह्न उस पर अंकित होते हैं।……………………
(ङ)आप वासुदेव की पूजा करते हैं।……………………

उत्तर :
(क)कीचड़ का नाम लेते सब बिगड़ जाता है। का सबंधकारक
(ख)क्या कीचड़ का वर्णन कभी किसी ने किया है?ने कर्ता कारक
(ग)हमारा अन्न कीचड़ से ही पैदा होता है।हमारा संबधकारक, से करणकारक
(घ)पद चिह्न उस पर अंकित होते हैं।उस पर अधिकरण कारक
(ङ)आप वासुदेव की पूजा करते हैं।की सबंधकारक


प्रश्न : 3. निम्नलिखित शब्दों की बनावट को ध्यान से देखिए और इनका पाठ भिन्न किसी नए प्रसंग में वाक्य प्रयोग कीजिए−
आकर्षक, यथार्थ, तटस्थता, कलाभिज्ञ, पदचिह्न, अंकित, तृप्ति, सनातन, लुप्त, जाग्रत, घृणास्पद, युक्ति शून्य, वृत्ति

उत्तर :
1.आकर्षक−यह गमला बहुत आकर्षक है। 2.अंकित−हमें वस्तु पर अंकित मूल्य पर ही वस्तु नहीं खरीदना चाहिए। 3.घृणास्पद−वह बहुत ही घृणास्पद बातें करता है। 4.यथार्थ−यथार्थ से हमेशा जुड़े रहना चाहिए। 5.तृप्ति−मुख से पीड़ित व्यक्ति को भोजन दिया तो उसे तृप्ति हो गई। 6.युक्तिशून्य−उसने बहुत ही युक्ति शून्य बातें की। 7.तटस्थता−हमारा देश अक्सर बाह्रय युद्धों में तटस्थता की नीति बनाए रखता है। 8.सनातन−भारत में बहुत लोग सनातन धर्म को मानते हैं। 9.वृत्ति −वह बहुत अच्छी वृत्ति का व्यक्ति है। 10.कलाभिज्ञ−कलाभिज्ञ गन्दगी में भी सुन्दरता देखते हैं। 11.लुप्त−आजकल भारतीय संस्कृति और परम्पराएं लुप्त सी हो रही हैं। 12.पदचिह्न−लोगों ने गाँधी जी के पद चिह्नों पर चलकर भारत माता की सेवा की। 13.जाग्रत−आजकल टेलीवीजन पर लोगों को जाग्रत करने का प्रयास किया जा रहा है।


प्रश्न : 4. नीचे दी गई संयुक्त क्रियाओं का प्रयोग करते हुए कोई अन्य वाक्य बनाइए−
(क) देखते – देखते वहाँ के बादल श्वेत पूनी जैसे हो गए।…………………………………………………………..
(ख) कीचड़ देखना हो तो सीधे खंभात पहुँचना चाहिए। …………………………………………………………

उत्तर :
(ग) हमारा अन्न कीचड़ में से ही पैदा होता है।
(क) मेरे देखते-देखते ही वहाँ भीड़ जमा हो गई।
(ख) थोड़ी भी तबीयत खराब हो तो सीधे डाक्टर के पास पहुँचना चाहिए।
(ग) कमल कीचड़ में ही पैदा होता है।

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प्रश्न : 6. न, नहीं, मत का सही प्रयोग रिक्त स्थानों पर कीजिए−
(क) तुम घर ……….. जाओ।
(ख) मोहन कल ………… आएगा।
(ग) उसे ……… जाने क्या हो गया है?
(घ) डाँटो ………. प्यार से कहो।
(ङ) मैं वहाँ कभी ……….. जाऊँगा।
(च) ……….. वह बोला ……… मैं।

उत्तर :
(क) तुम घर मत जाओ।
(ख) मोहन कल नहीं आएगा।
(ग) उसे जाने क्या हो गया है?
(घ) डाँटो मत प्यार से कहो।
(ङ) मैं वहाँ कभी नहीं जाऊँगा।
(च) वह बोला मैं।

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